पीएनबी घोटाले का आरोपी नीरव मोदी लंदन के वेस्ट एंड इलाके में रह रहा है. उसने हुलिया बदल लिया है और वह 80 लाख पाउंड (करीब 72 करोड़ रुपए) के अपार्टमेंट में रह रहा है. अंग्रेजी अखबार टेलीग्राफ की रिपोर्ट के मुताबिक, नीरव हर महीने अपार्टमेंट का 17 हजार पाउंड (करीब 15.5 लाख रुपए) किराया चुका रहा है. भारतीय अफसरों ने नीरव के खाते फ्रीज कर दिए हैं. इंटरपोल ने उसकी गिरफ्तारी के लिए रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया है. इसके बावजूद नीरव लंदन में बिजनेस चला रहा है.
‘सुरक्षा कारणों के चलते नहीं आ सकता’
नीरव मोदी 13700 करोड़ रुपए के पीएनबी घोटाले का आरोपी है. इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय मनी लॉन्ड्रिंग की जांच कर रहा है. नीरव ने पिछले महीने विशेष अदालत को जवाब भेजकर कहा था कि वह सुरक्षा कारणों से भारत नहीं आ सकता.
रिपोर्ट के मुताबिक- लंदन में नीरव को नेशनल इंश्योंरेंस नंबर भी जारी किया गया है, जिसके तहत वह यहां वैध तरीके से न केवल बिजनेस कर सकता है बल्कि ब्रिटिश बैंक के अकाउंट भी इस्तेमाल कर सकता है.
ईडी ने दायर की थी अर्जी
ईडी ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग (पीएलएलए) कोर्ट में नीरव के खिलाफ अर्जी दाखिल की थी. ईडी चाहता है कि नीरव को आर्थिक भगोड़ा अपराधी कानून-2018 के तहत भगोड़ा घोषित किया जाए. ईडी की याचिका पर पीएमएलए कोर्ट ने नीरव से जवाब मांगा था.
दिसंबर में नीरव के वकील ने भी विशेष अदालत में सुरक्षा की दलील दी थी. उसने कहा था कि नीरव की वापसी इसलिए नहीं हो सकती क्योंकि भारत लौटने पर उसे मॉब लिंचिंग का खतरा है. कोर्ट ने इस दलील को मानने से इनकार कर दिया था. अदालत ने कहा था कि इसका हमारे मामले से कोई लेना-देना नहीं है. अगर कोई खतरा है तो नीरव को पुलिस से सुरक्षा मांगनी चाहिए.
इसी साल मार्च में नीरव मोदी की 147.72 करोड़ रुपए की संपत्ति प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अटैच की थी. मुंबई और सूरत में यह कार्रवाई हुई थी. दोनों शहरों में जो प्रॉपर्टी अटैच की गई उसमें 8 कारें, एक प्लांट, मशीनरी, ज्वेलरी, पेटिंग और अचल संपत्ति शामिल हैं.
प्रवर्तन निदेशालय देश-विदेश में लगातार नीरव की प्रॉपर्टी अटैच करने की कार्रवाई कर रहा है. अक्टूबर में हॉन्गकॉन्ग में 255 की संपत्ति अटैच की गई थी. इससे पहले नीरव और परिजन की 637 करोड़ की प्रॉपर्टी अटैच हुई थी.
फरवरी 2018 में पीएनबी घोटाले का खुलासा हुआ था. इससे पहले ही नीरव विदेश भाग गया था. नीरव और उसके मामा मेहुल चौकसी ने फर्जी लेटर ऑफ अंडरटेकिंग्स के जरिए बैंकों से रकम लेकर विदेशों में ट्रांसफर की. सरकार दोनों के प्रत्यर्पण की कोशिशों में जुटी है. चौकसी एंटीगुआ की नागरिकता ले चुका है.
‘नीरव के प्रत्यर्पण की कोशिशें जारी’
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने बताया कि नीरव मोदी के मामले पर हमने प्रत्यर्पण के लिए यूके के पास अपील भेजी है तो इसका मतलब है कि हमें पता था कि नीरव मोदी वहां पर है. अब यह ब्रिटिश सरकार पर है कि वे ईडी और सीबीआई की याचिका सुने और उस पर अपना फैसला दे.
मंत्रालय के मुताबिक- “अगर हम किसी देश में प्रत्यर्पण की अपील करते हैं तो ऐसा एजेंसी के जरिए किया जाता है. पहले हमें ईडी से इसके लिए नोटिस आया और फिर सीबीआई से. जैसा हमें बताया गया है कि ब्रिटिश सरकार के पास यह दोनों याचिकाएं विचाराधीन हैं. अभी हमें इसके आगे की जानकारी नहीं पता है. जितने करीबी से हम विजय माल्या के केस को फॉलो कर रहे थे, वैसे ही नीरव मोदी के मामले को भी देख रहे हैं. नीरव के प्रत्यर्पण के लिए जो भी करना पड़ेगा, हम करेंगे